मुंबई (एजेंसी)। महाराष्ट्र के पुणे में इन दिनों दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी गिलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) का प्रकोप फैल गया है। पुणे और आसपास के क्षेत्रों में इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब तक GBS के 100 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं। सोलापुर में इस बीमारी से पीड़ित एक संदिग्ध मरीज की मौत हो गई है।
पुणे के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, सोलापुर में जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई, वह पुणे में संक्रमित हुआ था और बाद में सोलापुर पहुंचा। पुणे, पिंपरी चिंचवड, पुणे ग्रामीण और अन्य जिलों में GBS के 18 और संदिग्ध मामले पाए गए हैं। इस बीमारी से पीड़ित 16 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं।
GBS के मरीजों का आंकड़ा
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 101 मरीजों में से:
- 9 वर्ष से कम उम्र के 19 मरीज
- 10-19 वर्ष के 15 मरीज
- 20-29 वर्ष के 20 मरीज
- 30-39 वर्ष के 13 मरीज
- 40-49 वर्ष के 12 मरीज
- 50-59 वर्ष के 13 मरीज
- 60-69 वर्ष के 8 मरीज
- 70-80 वर्ष का 1 मरीज
जांच और उपाय
स्थानीय विभाग ने पुणे के कई इलाकों से पानी के सैंपल इकट्ठा कर ICMR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा है। जांच में डेंगू, जीका और चिकनगुनिया के लिए रिपोर्ट नकारात्मक रही है।
बीमारी के लक्षण और प्रभाव
इस स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला होता है, जिससे कमजोरी, सुन्नता और पक्षाघात होता है। इसके शुरुआती लक्षण हाथ-पैर में कमजोरी और झुनझुनी हैं।
सरकार की घोषणा
डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि इस संक्रमण से पीड़ितों का इलाज मुफ्त किया जाएगा। सरकार ने मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराने का भी निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
सहायक चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है, जो प्राइवेट अस्पतालों की स्थिति पर नजर रखेंगे और मरीजों एवं उनके परिजनों की सहायता करेंगे।