नई दिल्ली (एजेंसी)। दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया और 2017 के जम्मू-कश्मीर आतंकी-फंडिंग मामले में जमानत की मांग करने वाली बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का रुख पूछा।
न्यायमूर्ति विकास महाजन ने एजेंसी से अपना जवाब दाखिल करने को कहा और मामले को 30 जनवरी को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। राशिद के वकील ने कहा कि ऑर्डर रिजर्व किए 3 महीने गुजर चुके हैं लेकिन अभी तक ऑर्डर नहीं आया। संसद का 3 सत्र खत्म चुका है और मेरे संसदीय क्षेत्र को संसद में प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है।
सांसद की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि उनकी जमानत याचिका निचली अदालत में काफी समय से लंबित है और उन्होंने उच्च न्यायालय से आग्रह किया कि या तो इसके शीघ्र निपटान का निर्देश दिया जाए या मामले का फैसला खुद किया जाए। उच्च न्यायालय ने कहा कि जवाब-स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने दीजिए।
याचिका के माध्यम से उन्होंने उच्च न्यायालय से निचली अदालत के न्यायाधीश को उनकी लंबित नियमित जमानत याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देने की मांग की है। वैकल्पिक रूप से, उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय से मामले की सुनवाई करने और जमानत पर फैसला देने का अनुरोध किया है।
राशिद 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे और एनआईए द्वारा 2017 के आतंकी-फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। एनआईए और ईडी के मामलों में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद, हिजबुल मुजाहिदीन नेता सैयद सलाहुद्दीन और अन्य भी शामिल हैं।