चौपाल संवाद

अमौली, फतेहपुर। विकास खंड के 66 ग्राम सभाओं में कुछ ऐसे गांव चयनित किए गए थे, जिन्हें तालाबों का सुंदरीकरण करा कर उन्हें अमृत सरोवर के रूप में बदलना था। सरकार ने भी ग्रामीण क्षेत्रों में कूड़े से पटे अधिकतर तालाबों को साफ-सफाई और खुदाई कर चरों ओर बाउंड्री व सीढ़ियां बनवाने के लिए करोड़ों रुपये का बजट पास किया। इस बजट से प्रत्येक ग्राम सभा में एक अमृत सरोवर बनवाने का दावा भी किया गया।

ब्लॉक के अंतर्गत अमृत सरोवर बनाए गए, लेकिन अमृत सरोवर के नाम पर छिटपुट काम कर गुणवत्ताविहीन कार्य किया गया। आए हुए बजट में से अमृत सरोवर के नाम पर केवल कागजों में खानापूर्ति कर दी गई। ब्लॉक के जिम्मेदार अधिकारियों सहित सचिव और प्रधान की जोड़ी ने आए हुए बजट का बंदरबांट कर डाला।

एक ऐसा ही मामला अमौली विकास खंड के चांदपुर ग्राम सभा का सामने आया है, जहां अमृत सरोवर तालाब में सुंदरीकरण के नाम पर केवल सीढ़ियां बनवाई गईं, जो छह महीने बीतने के बाद ध्वस्त हो गईं। गांव के ही ग्रामीणों ने बताया कि तालाब में छह महीने पहले गुणवत्ता विहीन सामग्री का उपयोग कर ग्राम प्रधान द्वारा सीढ़ियां बनवाई गई थीं। हल्की बरसात में ही सीढ़ियां सहित अगल-बगल की दीवार गिर कर ध्वस्त हो गई है। तालाब में स्वच्छ जल की जगह गंदा पानी भरा हुआ है, जिस कारण गांव के निवासी तालाब का उपयोग आज तक नहीं कर सके हैं। गंदा और बदबूदार पानी जानवर तक नहीं पीते हैं।

खंड विकास अधिकारी सुरेश कुमार शिवहरे ने बताया कि ऐसी कोई जानकारी नहीं है, मामले की जांच कराई जाएगी।