नई दिल्ली (एजेंसी)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में बिहार को प्रमुखता दिए जाने पर विपक्षी दलों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। विपक्ष ने सरकार पर “चुनावी राज्य का पक्ष लेने” का आरोप लगाया।

विपक्ष के प्रमुख बयान:
  • कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी: “मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि यह भारत सरकार का बजट था या बिहार सरकार का? क्या आपने केंद्रीय वित्त मंत्री के पूरे बजटीय भाषण में बिहार के अलावा किसी अन्य राज्य का नाम सुना?”
  • शिरोमणि अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल: “देखिए किन राज्यों का नाम लिया गया – सिर्फ बिहार, जहां चुनाव होने वाले हैं। पंजाब का कोई जिक्र नहीं था। किसान पिछले चार साल से एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने किसानों के लिए केवल मखाना बोर्ड की घोषणा की। यह पूरी तरह से किसान विरोधी बजट है।”
  • कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी: “यह दिशाहीन बजट है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान और यूपी जैसे राज्यों का नाम तक नहीं लिया गया। भाजपा अपनी ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ को सब कुछ बेच रही है।”
  • टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी: “बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं है। चूंकि इस साल बिहार में चुनाव हैं, इसलिए पूरा बजट बिहार केंद्रित हो गया। जुलाई 2024 में भी आंध्र प्रदेश और बिहार को प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन बंगाल को कुछ नहीं मिला।”
  • राजद नेता तेजस्वी यादव: “उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज देने की बात नहीं की। मुझे नहीं लगता कि वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे। यह बजट बिहार के साथ अन्याय है। पिछले बजट की घोषणाओं को ही दोहराया गया है। ट्रेन का किराया लगातार बढ़ रहा है, लेकिन उसमें कोई राहत नहीं दी गई है।”
सरकार की प्राथमिकता पर सवाल

विपक्ष का कहना है कि बजट-2025 चुनावी दृष्टि से तैयार किया गया है, जिसमें सिर्फ बिहार को प्राथमिकता दी गई, जबकि अन्य राज्यों की उपेक्षा की गई। विपक्षी नेताओं ने इसे “चुनावी बजट” बताते हुए सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया।