नई दिल्ली (एजेंसी)। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत एक बार फिर से शांति स्थापित करने के प्रयासों में जुटा है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल जल्द ही रूस का दौरा करेंगे और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी ने पुतिन के साथ फोन पर हुई बातचीत में एनएसए को रूस भेजने की बात कही थी। माना जा रहा है कि डोभाल ब्रिक्स देशों के एनएसए स्तर की बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ रूस-यूक्रेन संघर्ष पर शांति प्रस्ताव पर भी चर्चा करेंगे।
अजित डोभाल की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे के समय वे विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ मौजूद थे। 23 अगस्त को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा था कि इस युद्ध को केवल भारत ही रुकवा सकता है, क्योंकि पुतिन पर भारत का काफी प्रभाव है। इस बयान के कुछ समय बाद ही पुतिन ने भारत को लेकर बयान दिया कि वह यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं और उन्होंने मध्यस्थता के लिए भारत, चीन और ब्राजील का नाम लिया।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि वह यूक्रेन के साथ बातचीत को तैयार हो सकते हैं और भारत की मध्यस्थता से इस दिशा में प्रयासों को बल मिलेगा। इस बीच, डोभाल 10 और 11 सितंबर को मॉस्को में आयोजित होने वाली ब्रिक्स एनएसए की बैठक में भी हिस्सा लेंगे, जहां रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में नई कोशिशों पर चर्चा होगी।
भारत का प्राथमिक उद्देश्य युद्ध समाप्त करना है, न कि मध्यस्थ के रूप में कार्य करना। पीएम मोदी की मॉस्को और कीव यात्राओं के बाद, भारत की भूमिका को संघर्ष समाधान के संदर्भ में देखा जा रहा है।