नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ और 10 अक्तूबर को लंदन में होने वाले न्यायविदों और लेखकों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजकों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने वैश्विक शांति को उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक बताया। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सामूहिक प्रयासों की सफलता राष्ट्रों और समुदायों के बीच एकता और सहयोग पर निर्भर करती है।

यह पत्र वरिष्ठ अधिवक्ता और अंतरराष्ट्रीय न्यायविद परिषद के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल को संबोधित करते हुए लिखा गया। पीएम मोदी ने भारत की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश, मंत्री, संसद सदस्य, बार नेता, लेखक, संपादक, और कानून शिक्षक की सामूहिक विशेषज्ञता वैश्विक शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने वाली नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रधानमंत्री ने यह भी लिखा कि नए संघर्ष राष्ट्रों की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को खतरा पहुंचा रहे हैं, और इन चुनौतियों का सामना वैश्विक कार्रवाई और लोगों के बीच आपसी जुड़ाव के माध्यम से ही किया जा सकता है। पीएम मोदी ने भारत के “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” के दर्शन पर जोर देते हुए कहा कि भारत वैश्विक शांति, एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।