कानपुर। कानपुर में रियल इस्टेट, सराफा, पान मसाला कारोबारियों पर नजर रखने वाला आयकर विभाग अब नए-नए क्षेत्रों में काली कमाई पर निगाह रख रहा है। विभाग को आईवीएफ क्लीनिक, एनआरआई कोटे के मेडिकल कॉलेजों की सीटों के माध्यम से काली कमाई होने के इनपुट मिले हैं। इसके साथ ही हॉस्पिटल, फैशन डिजाइनिंग और कपड़ा स्टोर भी विभाग के रडार पर हैं। दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकरदाता और आयकर बढ़ाने की व्यापक तैयारी की है। इसी को देखते हुए इस कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कार्ययोजना तैयार की है। आयकर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आयकर के दायरे का विस्तार गत वर्ष की तुलना में कम से कम 10 फीसदी तक बढ़ाया जाए, ताकि आयकरदाताओं की संख्या और रिटर्न दाखिले में वृद्धि हो सके।
इसी के साथ-साथ बकाया टैक्स की कम से कम 60 प्रतिशत वसूली की जाए। बताया गया कि प्रधान आयकर आयुक्त की देखरेख में पुराने बकाये की वसूली के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। कानपुर रीजन समेत देशभर में करीब 5000 मामलों में 43 लाख करोड़ बकाया है। इसमें से 60 प्रतिशत धनराशि वसूली का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष में निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 तक लगभग 24.51 लाख करोड़ बकाया था, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 43 लाख करोड़ हो गया है।
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग के पास उच्च मूल्य के खर्च और निवेश आदि की सूचनाएं सालाना वित्तीय विवरण (एसएफटी) के जरिये मिल रही हैं। अब विभाग ने दो लाख से अधिक के माल एवं सेवा के एकल लेनदेन पर भी विशेष फोकस किया है। वरिष्ठ कर अधिवक्ता संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि धारा 139ए और नियम 114-बी के तहत विशिष्ट लेनदेन में आयकर की पैन संख्या अंकित किया जाना अनिवार्य है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने होटल, बैंक्वेट हॉल, आईवीएफ क्लीनिक, हॉस्पिटल, फैशन डिजाइनिंग, कपड़ा स्टोर, एनआरआई कोटे के मेडिकल कालेज की सीटों पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इन मामलों में नगद लेनदेन काफी बड़े पैमाने पर हो रहे हैं।