– डीएम के माध्यम से पीएम व सीएम को भेजा ज्ञापन

चौपाल संवाद, फतेहपुर
ठगी पीड़ितों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से रविवार को ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के लोगों ने नहर कॉलोनी परिसर में अनिश्चितकालीन असहयोग आंदोलन शुरू कर दिया। इस आंदोलन के दौरान परिवार के सदस्यों ने अपनी मांगों का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजा, जिसमें ठगी पीड़ितों का पैसा वापस दिलाने की मांग की गई।

असहयोग आंदोलन की अगुवाई जिलाध्यक्ष अमृतलाल ने की। पीएम और सीएम को भेजे गए ज्ञापन में परिवार के सदस्यों ने बताया कि संसद ने सर्वसम्मति से वर्ष 2019 में “अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी कानून 2019” पारित किया था। इस कानून के तहत ठग कंपनियों और सोसाइटियों में डूबी हुई जमाराशि को पीड़ित आवेदकों को 180 दिन के भीतर दो से तीन गुना वापस दिलाने का कानूनी अधिकार दिया गया था।

ज्ञापन में आगे बताया गया कि इस अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक जिले में पीड़ित आवेदकों से आवेदन लेने और उनके धन की वापसी हेतु भुगतान पटल की स्थापना की जानी थी। इसके तहत देशभर में विशेष न्यायालय, सक्षम अधिकारी, सहायक सक्षम अधिकारी और अन्य नोडल एजेंसियों का चयन और नियुक्ति की गई थी। सरकार ने जनता को यह विश्वास दिलाया था कि उनका ठगा हुआ धन वापस किया जाएगा और दोषी संचालकों को दंडित किया जाएगा।

हालांकि, इस कानून के लागू होने के पांच साल बाद भी कई राज्यों और जिलों में संघ या राज्य सरकारों ने बड्स एक्ट 2019 के अंतर्गत पीड़ितों से आवेदन आमंत्रित नहीं किए, और न ही उनके धन की विधिसम्मत रूप से वापसी की गई। यह करोड़ों नागरिकों के साथ अन्याय है, और इसका प्रतिकार करना हमारा धर्म और अधिकार है।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि शासन-प्रशासन ने कानून पर विधिपूर्वक कार्य आरंभ किया होता, तो अब तक सभी पीड़ितों का भुगतान हो चुका होता। इससे लाखों निवेशक प्रताड़ित एजेंट्स को मौत के मुंह में जाने, पलायन, और उत्पीड़न से बचाया जा सकता था।

ठगी पीड़ित परिवार ने मांग की है कि भुगतान की गारंटी के तहत “अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी अधिनियम 2019” के अंतर्गत प्रत्येक ठगी पीड़ित निवेशक की जमाराशि का दो से तीन गुना भुगतान तुरंत किया जाए। बेरोजगार निर्दोष एजेंट्स को सुरक्षा, सम्मान, रोजगार और पुनर्वास का अधिकार दिया जाए, और भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 111 के तहत प्रत्येक ठग और बेईमान को मृत्युदंड देकर भारत को ठगमुक्त और बेईमान-रहित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया जाए।

इस मौके पर हरीओम प्रजापति, सतीश कुमार विश्वकर्मा, मदनलाल आजाद, राम औतार, योगेंद्र कुमार पाल, मातादीन पाल, प्रेम कुमार, चंद्रशेखर प्रजापति, राकेश कुमार साहू, विनोद कुमार मौर्य, दीपक कुमार सैनी, और महेश आदि उपस्थित रहे।