नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत रत्न डॉ. कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय का मसीहा करार देते हुए कहा है कि उन्होंने कभी भी परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया।
श्री धनखड़ ने शुक्रवार को बिहार के समस्तीपुर में डॉ. कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती के अवसर पर आयोजित स्मृति कार्यक्रम में कहा कि डॉ. ठाकुर सामाजिक न्याय के मसीहा थे और उन्होंने आरक्षण लागू कर एक बड़ी आबादी के लिए अपार संभावनाओं के द्वार खोले।
उन्होंने कहा, “भारत के ये महान सपूत कर्पूरी ठाकुर जी सामाजिक न्याय के मसीहा हैं। संक्षिप्त काल में कर्पूरी ठाकुर जी ने सामाजिक और राजनीतिक कायाकल्प का नया इतिहास लिखा, सदियों की जड़ता को तोड़ दिया और बड़ी आबादी के लिए संभावनाओं के अपार द्वार खोल दिए।”
उप राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. ठाकुर ने समता युग की नई शुरुआत की। उनका त्याग, उनका समर्पण, और उनकी नीतियां परिवारवाद से ऊपर थीं। वह एक ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जिन्होंने जाति, धर्म और वर्ग से ऊपर उठकर समानता को दृष्टिगत रखते हुए विकास संपन्न किया।
श्री धनखड़ ने कहा कि डॉ. ठाकुर “स्टेट्समैन” थे। वर्तमान में काम करने के साथ-साथ भविष्य का भी चिंतन करते थे। उन्होंने आरक्षण लागू किया और किसी विरोध की परवाह नहीं की। उन्होंने अंग्रेजी की अनिवार्यता को खत्म किया और सरकारी दफ्तरों में हिन्दी कामकाज को बढ़ावा दिया, भले ही उनका उपहास किया गया।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा के उप सभापति डॉ. हरिवंश, कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री रामनाथ ठाकुर, भागीरथ चौधरी, और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।