नई दिल्ली (एजेंसी):
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों की समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान करते हुए गुरुवार को कहा कि अन्नदाताओं की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। श्री धनखड़ ने कर्नाटक के धारवाड़ में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय के अमृत महोत्सव और पूर्व छात्र मिलन समारोह के उद्घाटन समारोह में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की समस्या पर तत्काल ध्यान देने तथा उन्हें आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता है।
देश निरंतर प्रगति के पथ पर है और इसमें किसानों को पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या पर तत्काल राष्ट्रीय ध्यान देने की आवश्यकता है। किसानों को आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता है।
श्री धनखड़ ने कहा, “जब किसानों की समस्याओं का समाधान खोजने की बात आती है तो समय की बहुत आवश्यकता होती है। सरकार काम कर रही है। हम चाहते हैं कि सभी लोग तालमेल के साथ काम करें, सकारात्मक सोच के साथ मिलकर समाधान खोजें।”
राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर कृषि क्षेत्र के व्यापक प्रभाव पर उन्होंने कहा कि कृषि आधारित उद्योग, कृषि उपज आधारित उद्योग, कपड़ा, खाद्य, खाद्य तेल और कई अन्य क्षेत्र समृद्ध हो रहे हैं और लाभ अर्जित कर रहे हैं। किसानों को इस लाभ को समान रूप से साझा करना चाहिए। इन संस्थानों को किसान के कल्याण और कृषि क्षेत्र के अनुसंधान के लिए अपने सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से जोड़ना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जब किसान आर्थिक रूप से ठीक होता है, तो अर्थव्यवस्था चलती है, क्योंकि वह किसान की खर्च करने की शक्ति है। जब किसान खर्च करता है, तो अर्थव्यवस्था अपने आप चलती है।”
खराब मौसम और अप्रत्याशित बाजार स्थितियों जैसे प्राथमिक तनावों से किसानों को राहत देने की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र को प्राथमिक तनावों से विश्लेषण और राहत देने का समय आ गया है। सरकार बहुत कुछ कर रही है, लेकिन किसान खराब मौसम और अप्रत्याशित बाजार स्थितियों पर निर्भर है।
कृषि क्षेत्र की सभी प्रकार की सब्सिडी के सीधे हस्तांतरण की वकालत करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि कृषि क्षेत्र को किसी भी रूप में दी जाने वाली कोई भी सब्सिडी, चाहे वह उर्वरक हो या अन्य, सीधे किसान तक पहुंचनी चाहिए।