नयी दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि सरकार विकास में सबकी भागीदारी को महत्व देते हुए किसान, मजदूर, नौकरीपेशा मध्यम वर्ग, महिलाओं की हिस्सेदारी को सुनिश्चित कर विश्व बंधु की भूमिका में ग्लोबल साउथ (दक्षिण गोलार्द्ध के विकासशील और गरीब देशों के समूह) की प्राथमिकताओं के साथ तीसरी आर्थिक शक्ति बन रहे देश को 2047 में विकसित भारत बनने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है।

श्रीमती मुर्मु ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार विकसित भारत के विजन में जनभागीदारी के सामूहिक सामर्थ्य को महत्व देते हुए देश की आर्थिक उन्नति के रोडमैप को सशक्त बना रही है और अपने तीसरे कार्यकाल में जो कदम उठा रही है उसमें आर्थिक गति बढ़ाने के लिए ढांचागत विकास, कृषि विकास, समाज के हर वर्ग को विकास की धारा से जोड़कर सबके विकास को सुनिश्चित करने को विशेष महत्व दे रही है।

देश में सभी को भोजन और आवास मिले, इस योजना को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का विस्तार कर तीन करोड़ अतिरिक्त परिवारों को नए घर देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पांच लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है। सरकार के विकसित भारत के विजन में जनभागीदारी के सामूहिक सामर्थ्य को महत्व देते हुए देश की आर्थिक उन्नति के रोडमैप को मजबूत बनाया जा रहा है।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन के आरंभ में दो माह पहले संविधान बनने की 75वीं वर्षगांठ तथा 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र की 75 वर्षों की यात्रा का जिक्र किया और लोकतन्त्र की जननी के रूप में भारत के गौरव को नई ऊंचाई देने के लिए देशवासियों की तरफ से बाबासाहेब आंबेडकर समेत सभी संविधान निर्माताओं को नमन किया।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भी शोक व्यक्त करते हुए प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर तड़के भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि भी अर्पित कर घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

उन्होंने कहा, “भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को आज सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है। तीसरे कार्यकाल में तीन गुना तेज गति से काम हो रहा है। आज देश बड़े निर्णयों और नीतियों को असाधारण गति से लागू होते देख रहा है। और इन निर्णयों में देश के गरीब, मध्यम वर्ग, युवा, महिलाओं, किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता मिली है। गांव में गरीबों को उनकी आवासीय भूमि का हक देने और वित्तीय समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है।”