नई दिल्ली (एजेंसी)। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को 5 वर्षों के लिए बढ़ाने और जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि करने का फैसला लिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इन फैसलों की घोषणा की।
जूट एमएसपी में बढ़ोतरी:
- जूट के लिए एमएसपी में 315 रुपये प्रति क्विंटल या साल-दर-साल 6% की वृद्धि की गई है।
- 5,650 रुपये प्रति क्विंटल के नए एमएसपी से उत्पादकों को 66.8% का लाभ होगा।
- यह बढ़ोतरी पश्चिम बंगाल, असम और बिहार जैसे राज्यों के किसानों को विशेष रूप से फायदा पहुंचाएगी।
- पीयूष गोयल ने बताया कि जूट को टिकाऊ उत्पाद के रूप में स्वीकृति मिल रही है। किसानों को एमएसपी पर खरीद का आश्वासन दिया गया है, हालांकि उत्पादन किसानों की रुचि और बाजार मूल्य पर निर्भर करेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) का विस्तार:
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है।
- यह मिशन 12 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को संगठित करता है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- एनएचएम के तहत 220 करोड़ से अधिक कोविड-19 टीके दिए गए हैं।
महत्वपूर्ण जानकारी:
- जूट एमएसपी में बढ़ोतरी से जूट उत्पादकों को आर्थिक लाभ मिलेगा और किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा।
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का विस्तार स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार और महामारी प्रबंधन में सहायता करेगा।
यह कदम जूट उत्पादन और स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों में दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित करेगा और संबंधित क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव डालेगा।