मणिपुर (एजेंसी)। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भाजपा नेताओं के प्रयागराज संगम में पवित्र स्नान करने को लेकर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी की निंदा की है और उन पर सनातन विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया है।
सरमा ने यह भी कहा कि खड़गे की टिप्पणियां कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं। उन्होंने कांग्रेस के हिंदू नेताओं से अपील की कि वे राजनीतिक विचारों से ऊपर उठें और अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनें।
सरमा ने सोनिया गांधी का उदाहरण दिया
सरमा ने कांग्रेस की धार्मिक प्रथाओं पर दोहरे रवैये पर सवाल उठाते हुए बताया कि सोनिया गांधी ने 2001 में कुंभ मेले में भाग लिया था। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस नेता हज यात्रा जैसी अन्य धार्मिक प्रथाओं की आलोचना करेंगे और क्या उन्हें सार्वजनिक कल्याण के लिए हानिकारक बताया जाएगा?
सरमा ने एक्स (Twitter) पर लिखा,
“माननीय खड़गे जी की भाषा उनकी सनातन विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। मुझे पता है कि वाणी भले ही खड़गे जी की हो, लेकिन सोच राहुल गांधी की है। शायद वे यह भूल गए हैं कि 2001 में सोनिया गांधी जी ने भी कुंभ में डुबकी लगाई थी। क्या ये लोग कभी यह कहने की हिम्मत करेंगे कि हज करने से जन कल्याण नहीं होगा?”
उन्होंने कांग्रेस के हिंदू नेताओं से कहा,
“आप अपनी अंतरात्मा से पूछें- क्या सनातन धर्म का ऐसा अपमान सहन करना उचित है? कोई भी पार्टी देश और धर्म से ऊपर नहीं हो सकती।”
खड़गे का बयान और भाजपा की प्रतिक्रिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के कुछ घंटे बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सवाल किया,
“क्या गंगा में डुबकी लगाने से गरीबी समाप्त हो जाएगी?”
उन्होंने भाजपा नेताओं पर कैमरे के सामने दिखावे के लिए डुबकी लगाने का आरोप लगाया और कटाक्ष करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने कई पाप किए हैं, इसलिए वे सौ जन्मों में भी स्वर्ग नहीं जा सकेंगे।”
भाजपा की मांग
खड़गे की इस टिप्पणी पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई और कांग्रेस पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगाया। भाजपा ने मांग की कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को खड़गे की टिप्पणी के लिए हर सनातनी से माफी मांगनी चाहिए।