कानपुर। कानपुर रिंग रोड के निर्माण के लिए नगर निगम ग्राम चकेरी और कुलगांव में स्थित अपनी जमीन देगा। इसके लिए गठित समिति की संस्तुति पर नगर आयुक्त ने स्वीकृति दे दी है। छह सितंबर को होने वाली कार्यकारिणी समिति और आगामी सदन की हरी झंडी के बाद शासन से जमीन हस्तांतरित करने की स्वीकृति प्रदान की जाएगी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) शहर के चारों तरफ 93.20 किलोमीटर का रिंग रोड बनवा रहा है। इसे चार पैकेज (फेज) में बनाया जा रहा है। पैकेज-1 के तहत मंधना से सचेंडी और पैकेज-4 के तहत सचेंडी से रमईपुर तक निर्माण चल रहा है।

मंधना से सचेंडी तक करीब 15 प्रतिशत और सचेंडी से रमईपुर तक करीब पांच प्रतिशत निर्माण हो गया है। पैकेज-3 के तहत रमईपुर से रूमा, कुलगांव, चकेरी होते हुए गंगा नदी पर पुल सहित आटा (उन्नाव) तक निर्माण के लिए टेंडर हो गए हैं, पर जमीन अधिग्रहण की समस्या आड़े आ रही थी। आटा से गंगा नदी में ही दूसरा पुल बनाते हुए मंधना तक निर्माण पैकेज-2ए और 2बी के तहत होना है, पर पर्यावरण मंत्रालय की एनओसी न मिलने के बाद इस पैकेज के टेंडर फाइनल नहीं हो पाए हैं।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने 27 मार्च को नगर रिंग रोड के पैकेज-3 के निर्माण के लिए ग्राम कुलगांव और चकेरी की जमीन अधिग्रहित करने के लिए नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन को पत्र लिखा। नगर आयुक्त ने इस संबंध में दो अप्रैल को कमेटी गठित की, जिसने इस प्रस्ताव का परीक्षण किया। जिलाधिकारी के मूल्यांकन सूची-2018 में अंकित गांव की जमीन दर पर मुआवजा निर्धारित किया गया।

औपचारिकताएं पूरी होते ही जमीन एनएचएआई को हस्तांतरित कर दी जाएगी। नगर आयुक्त ने जमीन हस्तांतरित करने के लिए नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्यकारिणी, सदन के निर्णय के बाद शासन को प्रस्ताव भेजा। नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यह अविकसित जमीन सर्किल रेट के आधार पर एनएचएआई को दी जानी है।

कार्यकारिणी समिति की बैठक में 11 प्रस्ताव शामिल किए गए हैं, जिनमें प्रमुख प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त उपन्यास “पहला गिरमिटिया” के लेखक दिवंगत गिरिराज किशोर के नाम से सूटरगंज की सड़क का नामकरण, ई-ब्लॉक बर्रा गांव मोड़ मार्ग का नामकरण, जलकल विभाग मुख्यालय में नई लिफ्ट, कन्वेंशन सेंटर के निर्माण में विलंब की जांच, और अन्य विकास कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रियाएं शामिल हैं।