कानपुर: कानपुर मेडिकल कॉलेज के 2019 बैच के इंटर्न डॉक्टरों की हड़ताल बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रही। इंटर्न डॉक्टरों ने मेन गेट पर नारेबाजी की और अपने वेतन में वृद्धि की मांग की। डॉक्टरों ने ‘नौकरी नहीं मजबूरी है, ये हड़ताल जरूरी है’, ‘अब की बार 30 हजार’, ‘एमबीबीएस इंटर्न हैं, बंधुआ मजदूर नहीं’ जैसे नारे लगाए।
वेतन वृद्धि की मांग: डॉ. राशी बाजपेई ने कहा कि वर्तमान में उनका वेतन मात्र 12 हजार रुपए है जबकि अन्य प्रदेशों में इंटर्न डॉक्टरों का वेतन 25 से 30 हजार रुपए होता है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण उन्हें प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
लगातार प्रदर्शन की चेतावनी: डॉ. आकांक्षा ने कहा कि यदि उनका वेतन नहीं बढ़ाया गया, तो वे लगातार प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि उनका वेतन एक मजदूर से भी कम है और इसके बावजूद सरकार उनके लिए कुछ नहीं कर रही है। उनका मानना है कि उनका मासिक वेतन कम से कम 30 हजार रुपए होना चाहिए।
वेतन वृद्धि की आवश्यकता: डॉ. सौरभ नायक ने बताया कि 5 साल की पढ़ाई के बाद एमबीबीएस बनने पर भी उन्हें मात्र 12 हजार रुपए सैलरी मिलती है, जिससे जीवन यापन मुश्किल हो रहा है। इंटर्न चिकित्सकों की मांग है कि उनकी मासिक देय राशि को 30 हजार रुपए तक बढ़ाया जाए, जिससे वे चिकित्सा सेवा में बेहतर योगदान दे सकें।
सरकार तक मुद्दे पहुंचाने के प्रयास: इंटर्न चिकित्सकों ने बताया कि उन्होंने अपने मुद्दे को सरकार तक पहुंचाने के कई प्रयास किए, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा एवं चिकित्सा मंत्रालय द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इंटर्न चिकित्सकों ने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वे हड़ताल पर रहेंगे। प्रदर्शन में डॉ. अभय राज सिंह, डॉ. दिव्यांशी मिश्रा, डॉ. रुचि सिंह, डॉ. गजेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. अमिताभ पाण्डेय, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ. अनुभव राय, डॉ. आयुष पांडेय, डॉ. अंश दिवाकर, डॉ. मोहम्मद रेयान आदि उपस्थित रहे।