नई दिल्ली – यूपीएससी में नियुक्ति को लेकर विवादों में घिरीं ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी (LBSNAA) नहीं पहुंची हैं। उनकी डेडलाइन 23 जुलाई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर ने इसके पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है।
एकेडमी का बयान
सूत्रों ने एकेडमी के हवाले से बताया कि अब आगे क्या एक्शन लेना है, यह जल्द ही तय किया जाएगा। पूजा खेडकर पर गलत मेडिकल रिपोर्ट और आरक्षण के आरोपों के बाद अब माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर ओबीसी नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाने का भी आरोप लगा है।
माता-पिता के तलाक का दावा
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव भी लड़ा था और एफिडेविट में अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी। पूजा ने परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी। पूजा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने माता-पिता के तलाक का दावा किया है। उनके पिता अब उनके साथ नहीं रहते, इसलिए वे अब ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर के दायरे में आती हैं।
विवाद का विवरण
पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपने माता-पिता के मैरिटल स्टेटस की जानकारी छिपाकर ओबीसी नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का लाभ उठाया। इस संबंध में कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- गलत मेडिकल रिपोर्ट: पूजा खेडकर पर गलत मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आरोप है।
- आरक्षण के आरोप: उन्होंने माता-पिता के तलाक का दावा कर ओबीसी नॉन-क्रीमीलेयर कोटे का फायदा उठाया।
- पिता की संपत्ति: पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने अपनी संपत्ति 40 करोड़ रुपए बताई थी, जबकि पूजा ने परिवार की संपत्ति 8 लाख से कम बताई थी।
प्रशासनिक कार्रवाई
एकेडमी के सूत्रों ने बताया कि पूजा खेडकर के मामले में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। फिलहाल, पूजा खेडकर ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए एकेडमी में न पहुंचने का कारण बताया है।
इस विवाद ने प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी के महत्व को उजागर किया है। प्रशासनिक अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे अपनी व्यक्तिगत और पारिवारिक जानकारी को सही ढंग से प्रस्तुत करें ताकि आरक्षण और अन्य लाभ सही हकदारों तक पहुंच सकें।